13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. आज माता रानी के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी का दिन है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना गया है.
कहते हैं कि कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाता है. यदि विद्यार्थी सच्चे मन से इनकी पूजा अर्चना करें तो विद्यार्थियों के लिए बहुत शुभ होता है. वहीं जिनका चंद्रमा कमजोर हो उनके लिए भी माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करना शुभ होता है.

हिंदू समाज में विधि-विधान का बहुत महत्व है. नवरात्र में 9 दिन माता के नौ स्वरूपों की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. तो आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी के पूजन की विधि के बारे में:
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें.
- मां ब्रह्मचारिणी का पूजन पीले या सफेद वस्त्र धारण करके करें.
- मां को मिश्री, दूध से बनी मिठाई या शक्कर का भोग लगाएं.
- मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान और वैराग्य की देवी माना गया है इसलिए मां को प्रसन्न करने के लिए ज्ञान और वैराग्य मंत्र का जप करें.

- मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों के साथ ही चंद्रमा के मंत्रों का भी जप करना चाहिए.
- विद्यार्थियों को नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए सरस्वती मां की भी उपासना करनी चाहिए.
- दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
- इसके बाद सच्चे मन से मां से प्रार्थना तथा सुख-शांति की कामना करें.
- घर के लोगों में प्रसाद वितरण करें.
यदि नवरात्र के 9 दिन आपका उपवास है तो अपने मन में किसी के लिए भी खट्टास ना लाएं जितना हो सके मां का ध्यान करें.