हिन्दू धर्म में पंचामृत बहुत बड़ा महत्व होता है.पूजा के दौरान पंचामृत में तुलसी मिलाकर इसे प्रसाद के रूप में दिया जाता है, पंचामृत को चरणामृत भी कहते हैं यानि की भगवान के चरणों का अमृत. ये केवल पवित्र वस्तुओं से ही बना होता है.माना जाता है कि इसे पीने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक विचार पैदा होते हैं.

बहुत से लोग चरणामृत ग्रहण करने के बाद अपने सिर पर हाथ फेरते हैं,लेकिन शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि ऐसा करने से नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है, और ध्यान रखें कि चरणामृत हमेशा दाएं हाथ से लेना चाहिए.
पंचामृत पांच चीजों से मिलकर तैयार होता है जिसमें से दूध, दही, मधु, शक्कर और घी है.

आयुर्वेद की दृष्टि से चरणामृत हमारे सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद तुलसी का उपयोग से कई रोग दूर हो जाते हैं.जिस तरह से पंचामृत से भगवान को स्नान कराते हैं उसी तरह से खुद स्नान करने से हमारे शरीर में कांति बढती है और ध्यान रखे कि पंडित अनुसार जितना पंचामृत दिया जाए केवल उसी मात्रा में उसका सेवन करना चाहिए.