मंदिर की परिक्रमा करते समय कभी गलती से भी ना करें ये काम,वरना भुगतनी पड़ सकती है परेशानी

मंदिर की परिक्रमा करते समय कभी गलती से भी ना करें ये काम,वरना भुगतनी पड़ सकती है परेशानी

हिंदू धर्म के अनुसार मंदिर में परिक्रमा करना बेहद ही शुभ माना जाता है. कहते हैं मंदिर में जाकर परिक्रमा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है साथ ही हर तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है. दरअसल हम परिक्रमा के दौरान कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे हमें पूजा का फल प्राप्त नहीं हो पाता है. तो आज हम आपको बताएंगे कि ऐसी कौन सी गलतियां होती हैं जो हमें परिक्रमा के दौरान नहीं करनी चाहिए.

-दरअसल परिक्रमा करते समय उनकी संख्या का जरूर ख्याल रखना चाहिए, शास्त्रों अनुसार सभी देवी देवताओं की अलग-अलग तरह से परिक्रमा होती है जैसे की श्रीगणेश की चार, भगवान विष्णु की चार,भगवान विष्णु के सभी अवतारों की भी चार, देवी दुर्गा की एक, हनुमान जी की तीन,सूर्य देव की सात, शिवजी की आधी परिक्रमा की जाती है.

-मान्यता अनुसार जो शिवलिंग पर हम जल चढ़ाते हैं और उसकी धारा जमीन पर गिरने लगती है और कभी कभी हम उस धारा को पैरों से लांघ कर चले जाते हैं आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे भोलेनाथ का अपमान होता है.

-हमेशा ध्यान रखें की परिक्रमा की शुरुआत बाएँ तरफ से ही करें, क्योंकि बाईं तरफ से शुरू की गई परिक्रमा उल्टी मानी जाती है।जिसे अशुभ माना गया है।

 -परिक्रमा करते समय कभी भी काले कपड़े नहीं धारण करना चाहिए.

-परिक्रमा करते समय हमेशा भगवान के मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. मंत्र का उच्चारण करने से पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है.

-मंदिर में परिक्रमा करते समय हाथ में सिक्का या चावल लेकर परिक्रमा करना अच्छा माना जाता है, फिर उसको अपनी तिजोरी में रख लें. घर में धन की कमी नहीं होती है.

-परिक्रमा करते समय कभी भी किसी की बुराई ना करें,इससे अशुभ फल प्राप्त होता है. 

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