नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है. कहते हैं कि इन्होंने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी जिसकी वजह से इनका शरीर काला पड़ गया था लेकिन जब शिव ने इनकी तपस्या से खुश होकर इन्हें दर्शन दिए तो उनकी कृपा से इनका शरीर गोरा हो गया और तब से ही इनका नाम गौरी हो गया.
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विवाह संबंधी कोई परेशानी हो तो मां महागौरी की उपासना से सब ठीक हो जाता है. कहते हैं कि मां से सच्चे दिल से मांगने पर आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं क्योंकि मां अपने भक्तों को निराश नहीं करती हैं.
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है यानी की अष्टमी. अष्टमी के दिन बहुत से लोग अपने घर में कन्या भोज भी करते हैं. तो आइए हम आपको बताते हैं मां महागौरी की पूजन विधि तथा अष्टमी के दिन कन्या भोज के बारे में:
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
- ध्यान रहे पूजा के स्थान में साफ-सफाई अच्छी तरीके से हो.
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- हो सके तो पीले वस्त्र धारण करके मां की पूजा आरंभ करें.
- मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं.
- दुर्गा सप्तशती के अध्यायों का पाठ करें.
- इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
- मां को भोग लगाएं.
अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन की परंपरा है. मां की पूजा करने के बाद कन्याओं को भोज करवाएं और जयकारा लगाएं.