नवग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अपने हाथ में रत्नों को धारण करते हैं, अक्सर ज्योतिष द्वारा बताए गए रत्न के अनुसार ही हम इन्हें धारण करते हैं, प्राचीन काल से रत्न धारण करने की परंपरा है,कभी कभी ऐसा भी होता है कि हम रत्न धारण तो कर लेते हैं लेकिन इसके बाद भी कोई हम फल प्राप्त नहीं होता है.दरअसल कहा गया है कि रत्न धारण करने के कुछ नियम भी होते हैं जिनके द्वारा हमें विशेष फल की प्राप्ति होती है.
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-रत्न धारण करने से पहले ध्यान रखें कि सबसे पहले ज्योतिषी से सलाह ले कि हमें कौन रत्न धारण करना चाहिए और कब धारण करना चाहिए. रत्न की पूरी जानकारी लेकर ही हमें इसे धारण करना चाहिए.
– किसी भी रत्न को खरीदने से पहले ध्यान कर लें, कि यह पूरे तरह से असली ही हैं, और कहीं चटका या खंडित नहीं होना चाहिए. कुछ लोग अनजाने में कटा नग, या फिर अंदर से चटका हुआ नग आपको दे देते हैं जिससे ग्रह शुभ प्रभाव की जगह अशुभ प्रभाव देने लगते हैं.
रत्न धारण से पहले एक बार किसी विद्वान या ज्योतिषी से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए . उसे धारण का समय, दिन मुहूर्त अच्छे से जान लें.
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हमे जब भी आप बहुमूल्य रत्न खरीदे तो उन्हें शुभ मुहूर्त में ही लेना चाहिए.
रत्न को आप अंगूठी या लॉकेट में धारण कर सकते हैं ,इसके साथ ये भी ध्यान रखें कि वह रत्न आपकी त्वचा से स्पर्श रहे.–रत्न को माला या अंगूठी में जड़वाते समय यह सुनिश्चित कर लें कि वह इस तरह से तैयार हो कि उसका स्पर्श आपकी त्वचा से होता रहे.